वाराणसी विधायक के कदम को बिजली का झटका
वाराणसी : एक जनप्रतिनिधि के प्रयास को यदि विभागीय अधिकारियों का संबल मिल जाए तो जनता के बीच प्रकाश फैल जाए। जी हां, बात हो रही है उत्तरी विधान सभा के विधायक रवींद्र जायसवाल की ओर से उठाए गए कदम की।
विस के निवासियों को बिजली कनेक्शन दिलाने का बीड़ा उठाने वाले विधायक श्री जायसवाल ने जनता के बीच बिजली के खंभे तो वितरित कर दिए किंतु पोल गाड़कर कनेक्शन देने में विभाग हीला-हवाली कर रहा है। हाल यह है कि अब विधायक श्री जायसवाल अपनी निधि से छह लाख रुपए खर्च कर लगभग तीन सौ से अधिक पोल दे चुके हैं।
आठ माह से जनता परेशान
जनता इस बात से परेशान है कि पोल तो कई महीने पहले मिल गया मगर बिजली विभाग की ओर अभी तक तार नहीं मिला है। इस बाबत प्रभावित लोग कई बार संबंधित कार्यालयों में चक्कर लगा चुके हैं लेकिन मामला ढाक के तीन पात ही साबित हुआ। दबाव बनाने पर अधिकारियों का दो टूक जवाब मिलता है कि इसके लिए धन जमा करना होगा। अधिकारी तार देने को तैयार नहीं हैं। कहना है कि पोल प्राइवेट हैं। इसके लिए विभाग के सिस्टम में आना पड़ेगा।
बांस-बल्ली के सहारे बिजली
उतरी विधान सभा में अभी भी बहुत सी कालोनियों में बिजली का तार बांस-बल्ली के सहारे ही है। इसको ध्यान में रखते हुए विधायक ने अपने वेतन से पोल लोगों को दिया।
विधान सभा में उठी आवाज
बिजली विभाग ने लिखित पत्र भाजपा विधायक रविंद्र जायसवाल को भेजा। जिसमें एक बिजली पोल का खर्च बीस हजार दिखाया गया हैं। विधायक रविंद्र जयसवाल ने बताया कि इस पत्र को हमने पढ़कर विधान सभा में आवाज उठाई है। साथ ही मुख्यमंत्री से जांच के आदेश की मांग की लेकिन अभी तक कुछ कार्रवाई नहीं हुई जबकि आठ महीने से ज्यादा वक्त गुजर गया।